"You may recite or listen to countless scriptures, but you will not be established within until you can forget everything."
Ashtavakra Gita
"आप अनगिनत शास्त्रों का पाठ कर सकते हैं या सुन सकते हैं, लेकिन आप तब तक भीतर स्थापित नहीं हो पाएंगे जब तक आप सब कुछ भूल नहीं जाते।"
अष्टावक्र गीता